जापान में पांच खिलाड़ियों से पदक की आस

चार साल में एक बार आने वाला खेलों का 'महाकुंभ' ओलम्पिक इस बार जापान की राजधानी टोक्यो में होने जा रहा है। कोरोना वायरस के खतरे के बीच 24 जुलाई से ओलंपिक 2020 का आगाज हो रहा है। ओलंपिक की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बार करीब 206 देशों के बीच 33 खेलों में 339 प्रतियोगिताओं का आयोजन होना है। अपनी संस्कृति और खान-पान के लिए मशहूर जापान को उगते हुए सूरज का देश भी कहा जाता है। टोक्यो ओलंपिक में इस बार तकनीक का बोलबाला होने वाला है। 200 से .......

गुरबत से निकला लाल, क्रिकेट में कर रहा कमाल

हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में खेले गये अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप फाइनल में भले ही हैरतअंगेज अंदाज में डकवर्थ-लुइस नियम के आधार पर बांग्लादेश ने भारत को तीन विकेट से हरा दिया हो, मगर इस टूर्नामेंट की उपलब्धि यह भी रही कि भारत को यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ी का हुनर देखने को मिला। यशस्वी ने पूरे टूर्नामेंट में चार सौ रन बनाकर खुद को भारतीय क्रिकेट का उभरता सितारा साबित किया। फाइनल में उनके बनाये गये 8.......

दिलों पर राज करती रानी बिटिया

श्रीप्रकाश शुक्ला हाकी की रानी बिटिया ने जीवन में कितनी भी कठिनाइयां क्यों न सहन की हों, उसका हौसला हमेशा सातवें आसमान पर ही रहा। प्रशिक्षक बल्देव सिंह के कठोर अनुशासन से ही यह बेटी फौलाद की बनी और दुनिया में भारतीय महिला हाकी को गौरवान्वित करने का जीतोड़ प्रयास किया। कुरुक्षेत्र के शाहाबाद मारकंडा में चार दिसम्बर 1994 को जन्मी रानी रामपाल की कहानी हिम्मत से तमाम कष्टों और दुश्वारियों पर जीत हासिल करके लक्ष्य.......

जनान्दोलन बनें खेलो इंडिया युवा खेल

महाराष्ट्र के सिर फिर सजा खेलो इंडिया का ताज श्रीहरि नटराज और शिवांगी शर्मा का रहा जलवा श्रीप्रकाश शुक्ला खेल सिर्फ मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि ये स्वस्थ राज्य और राष्ट्र का भी सूचक हैं। गुवाहाटी में 13 दिन तक हुए तीसरे खेलो इंडिया युवा खेलों में महाराष्ट्र के खिलाड़ियों ने अपनी बादशाहत कायम रखते हुए इस बात के संकेत दिए हैं, उनका भविष्य उज्ज्वल है। इन खेलों में महाराष्ट्र ने 78 स्वर्ण, 77 रजत और 101 कांस्य पदको.......

गुरबत से निकला बाहुबली एथलीट नीरज चोपड़ा

नीरज के पिता सतीश मध्य प्रदेश में करते हैं खेती खेलपथ प्रतिनिधि नई दिल्ली। भारतीय जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलम्पिक 2020 के लिए क्वालीफाई कर लिया है। कोहनी की चोट से उबरकर वापसी कर रहे नीरज ने शानदार प्रदर्शन किया। ओलम्पिक 2020 के क्वालीफाई करने वाले नीरज चोपड़ा एक बार इतना फूट-फूट कर रोये थे कि चुप कराना मुश्किल हो गया था। भारत के इस बाहुबली एथलीट से हम टोक्यो ओलम्पिक में मेडल की उम्मीद कर सकते हैं। कोहनी की चोट से उब.......

महाराष्ट्र के सिर फिर सजा खेलो इंडिया का ताज

जनान्दोलन बनें खेलो इंडिया युवा खेल श्रीहरि नटराज और शिवांगी शर्मा का रहा जलवा श्रीप्रकाश शुक्ला खेल सिर्फ मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि ये स्वस्थ राज्य और राष्ट्र का भी सूचक हैं। गुवाहाटी में 13 दिन तक हुए तीसरे खेलो इंडिया युवा खेलों में महाराष्ट्र के खिलाड़ियों ने अपनी बादशाहत कायम रखते हुए इस ब.......

महिला खिलाड़ियों के लिए नजीर हैं सानिया मिर्जा

खेल की दुनिया में महिला खिलाड़ी का नाम कमाना और फिर कॅरिअर की ऊंचाइयों पर होते हुए विवाह के बाद गुमनामी के अंधेरों में खो जाना, ऐसे किस्से अक्सर सुनने को मिल जाते हैं। कुछ ने वापसी की कोशिश भी की पर वह सुखद नहीं रही। मगर उन महिला खिलाड़ियों के जज्बे को सलाम, जो मां बनने के बाद अपने पारिवारिक दायित्व निभाते हुए भी अपने जुनून, अपने ‘पहले प्यार’ के लिए फिर से खुद को तैयार करती हैं और दोबा.......

सम्मानजनक तरीके से हो महेन्द्र सिंह धोनी की विदाई

श्रीप्रकाश शुक्ला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने जब से खिलाड़ियों के सालाना करार का ऐलान किया है और उसमें दिग्गज क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को शामिल नहीं किया, उनको लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। कयास लगाये जा रहे हैं कि महेंद्र सिंह धोनी संन्यास लेने जा रहे हैं। नि:संदेह संन्यास लेना एक खिलाड़ी का निजी फैसला होता है। देश के लिए अपना स.......

टोक्यो में गोल्ड जीतेगी मेरी सहेली

खेलपथ प्रतिनिधि चरखी दादरी (हरियाणा)।  जुनून हो तो विनेश फोगाट जैसा। रियो ओलम्पिक में चोट लगने के बाद करीब डेढ़ साल बिस्तर पर रहीं, फिर शानदार वापसी करते हुए विश्व चैंपियनशिप में ऐसा दांव लगाया कि गोल्ड जीतकर सीधे टोक्यो ओलम्पिक का टिकट झटक लिया। पहले पिता की मौत का गम फिर रियो ओलम्पिक में लगी चो.......

ये खेल है तुम्हारा, खिलाड़ी तुम ही हो कल के

हम को मिटा सके ये जमाने में दम नहीं हम से जमाना खुद है जमाने से हम नहीं मशहूर शायर रहे जिगर मुरादाबादी ने शायद युवाओं को सोचकर ही ये शायरी लिखी होगी क्योंकि युवा वह पीढ़ी है जिसके मजबूत कंधों पर ही देश का भविष्य टिका होता है, लेकिन अगर कहीं यह कमजोर हो जाते हैं तो राष्ट्र भी अंधकार में जा सकता है। मगर खेल के मैदान पर इस देश के युवा नित-नए आयाम रच रहे हैं। 'उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए' का संद.......